मरेंगे नहीं तेरे इश्क़ में हम, बस तेरे लिए हर एक बार जी जाएंगे, मरेंगे नहीं तेरे इश्क़ में हम, बस तेरे लिए हर एक बार जी जाएंगे,
न घबराना है न मुरझाना है बस चलते चले जाना है! न घबराना है न मुरझाना है बस चलते चले जाना है!
यूं ही बढ़ते-बढ़ते, सफर एक रोज, हो जायेगा पूरा है ऐतबार। यूं ही बढ़ते-बढ़ते, सफर एक रोज, हो जायेगा पूरा है ऐतबार।
ये सब दुकानदार अब नहींं दिखते जो सड़कों पर चलते फिरते थे ! ये सब दुकानदार अब नहींं दिखते जो सड़कों पर चलते फिरते थे !
प्यार भरी बात करें। प्यार भरी बात करें।
किस ओर चली गयी मानव प्रवृत्ति, सुखमय जीवन से विलासी निवृत्ति। किस ओर चली गयी मानव प्रवृत्ति, सुखमय जीवन से विलासी निवृत्ति।